Diwali Essay in Hindi |Diwali Nibandh
सन्ध्या से ही द्वार, बाजार, गली आदि अभी जगमगा उठते हैं । रात्रि में दिन हो जाता है । कहीं लड़के मोमबत्ती जलाते हैं, कहीं फुलझड़ी छोड़ते हैं, कहीं पटाखे चलाते हैं । घरों में रंग विरंगे कण्डीलों का प्रकाश सुन्दर देता है बहुत ही दिखाई । रात्रि को लक्ष्मीपूजन होता है और लोग खी, खिलौने और मिठाइयाँ बाँटते हैं । व्यापारियों के यहाँ विशेषकर आज के ही दिन बहियाँ बदली जाती हैं । वे लोग इनका पूजन भी करते हैं। परन्तु सबसे अधिक दर्शनीय वस्तु तो रोशनी होती है । दीपों की जगमगाती पंक्ति मन को मोह लेती है । शहरों में बिजली के हरे, पीले, लाल, नीले लट्टुओं से दुकानें तथा घर सजाये जाते हैं। अस्तुवे पुतेलिपे मकान चमक उठते हैं। प्रत्येक घर में लक्ष्मीपूजन करने के उपरान्त लोग रोशनी देखने जाते हैं और बाजारों में मनुष्यों की भीड़ लग जाती है । सभी मनुष्य अपने सुन्दर से सुन्दर कपड़े पहनकर निकलते हैं । इसी को हम दीपावली का त्योहार कहते हैं ।
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